भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस आदेश के बाद नेहा पर कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ गई है।
विवादित कार्टून पोस्ट का मामला
पिछले वर्ष, मध्य प्रदेश के सीधी में एक दलित व्यक्ति पर पेशाब करने की घटना के बाद, नेहा सिंह ने एक विवादित कार्टून पोस्ट किया था। इस पोस्ट में एक व्यक्ति अर्धनग्न अवस्था में जमीन पर बैठा था और दूसरा व्यक्ति उस पर पेशाब कर रहा था। पास में एक निक्कर थी, जिसे आरएसएस का प्रतीक बताया गया था। इस पोस्ट के बाद नेहा पर आईपीसी की धारा 153 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।
मानवता को शर्मसार करने वाला मामला
पिछले साल सीधी जिले में एक व्यक्ति, प्रवेश शुक्ला, आदिवासी मजदूर पर पेशाब करते हुए वीडियो में दिखा था। इस घटना की पूरे देश में निंदा हुई थी और सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया था। इस घटना के बाद नेहा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी, जो विवाद का कारण बनी।
हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
हाईकोर्ट में जस्टिस गुरपाल सिंह अहलूवालिया ने नेहा के वकील से पूछा कि क्या आरोपी ने वही पोशाक पहनी थी जो कार्टून में दिखाई गई है। नेहा के वकील ने स्वीकार किया कि घटना के समय आरोपी ने वह पोशाक नहीं पहनी थी। कोर्ट ने कहा कि विशेष पोशाक जोड़ना यह दर्शाता है कि नेहा यह बताना चाहती थीं कि यह घटना विशेष विचारधारा के व्यक्ति द्वारा की गई है।
हाईकोर्ट का फैसला
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इसमें हस्तक्षेप करने का फिलहाल कोई मामला नहीं बन रहा है, और एफआईआर रद्द करने की मांग को खारिज कर दिया। अब नेहा सिंह राठौर पर कानूनी कार्रवाई की तलवार लटक गई है।